उत्तर प्रदेश एक बहुसांस्कृतिक भूमि है जहां विभिन्न प्रकार की भारतीय संस्कृतियों का अनादि काल से स्मरण व पालन किया जा रहा है। भौगोलिक विविधताओं से संपन्न उत्तर प्रदेश की यह भूमि पौराणिक एवं ऐतिहासिक राजाओं एवं नायकों जैसे- राम, कृष्ण, बुद्ध, महावीर, अशोका, हर्षा, अकबर एवं महात्मा गांधी की कर्मभूमि रही है। उत्तर प्रदेश के मैदानी क्षेत्र, बारहमासी नदियां, घने जंगल एवं उपजाऊ मिट्टी ने भारतीय इतिहास के पन्नों पर कई सुनहरे अध्यायों को अंकित किया है। विभिन्न पवित्र मंदिरों एवं तीर्थ स्थानों तथा विविध त्यौहारों को मनाने वाला यह प्रदेश भारत की राजनीति, शिक्षा, संस्कृति, उद्योग, कृषि एवं पर्यटन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
भारतीय पौराणिक कथाओं की दो पवित्र नदियों गंगा एवं यमुना से सुसज्जित उत्तर प्रदेश पूर्व में बिहार, दक्षिण में मध्य प्रदेश, पश्चिम में राजस्थान, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश व हरियाणा तथा उत्तर में उत्तरांचल से घिरा है एवं साथ ही प्रदेश की उत्तरी सीमा नेपाल देश को भी छूती है। यह भारतीय रक्षा के लिए रणनीतिक महत्व रखती है।
इसका क्षेत्रफल 2,36,286, वर्ग किमी है। क्षेत्रवार, यह भारत का चौथा सबसे बड़ा राज्य है। सरासर परिमाण के संदर्भ में यह फ्रांस के क्षेत्र का आधा, पुर्तगाल का तीन गुना, आयरलैंड का चार गुना, स्विट्जरलैंड का सात गुना, बेल्जियम का दस गुना एवं इंग्लैंड से थोड़ा ही बड़ा है। उत्तर प्रदेश, भारत के सबसे अधिक जनसंख्या वाला राज्य है जिसकी आबादी 166 मिलियन (2001 की जनगणना के अनुसार) है।
उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था कृषि आधारित है एवं लगभग 73 प्रतिशत आबादी कृषि से जुड़ी है। राज्य की आय का लगभग 43 प्रतिशत कृषि क्षेत्र से अर्जित होता है। राज्य में औसतन साक्षरता 57 प्रतिशत है। (70.23 प्रतिशत पुरुष एवं 42.98 प्रतिशत महिलाएं)।
उत्तर प्रदेश राज्य राजमार्ग प्राधिकरण
उत्तर प्रदेश राज्य राजमार्ग प्राधिकरण का गठन उत्तर प्रदेश के अधिनियम संख्या 19 ऑफ 2004 दिनांक 13 अगस्त 2004 द्वारा हुआ था जिससे राज्य राजमार्गों का विकास, अनुरक्षण एवं प्रबंधन हो सके तथा इससे जुड़े मामलों या आकस्मिक उपचार किए जा सके।
उत्तर प्रदेश राज्य राजमार्ग प्राधिकरण सार्वजनिक-निजी-भागीदारी के आधार पर राज्य राजमार्गों एवं रेलवे ओवर ब्रिजों के निर्माण की योजना बना रहा है। भारत सरकार के दिशा-निर्देशों एवं भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अनुभवों के कार्यों को बतौर उदाहरण के रूप में लिया गया है एवं नीति ढांचे को तैयार करने की रूपरेखा तैयार की जा रही है। पीपीपी (पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप) के आधार पर चयनित राज्य राजमार्गों एवं रेलवे ओवर ब्रिजों के निर्माण हेतु प्राथमिक परियोजना तैयार करने के लिए सलाहकारों के चयन की प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है।
शासी परिषद
प्राधिकरण, बॉडी कॉर्पोरेट गवर्निंग काउंसिल होगी जिसकी अध्यक्षता प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा की जाएगी। इसके अन्य सदस्य होंगे: -
- उपाध्यक्ष- मंत्री, लोक निर्माण विभाग
- सदस्य
- वित्त मंत्री
- योजना मंत्री
- मुख्य सचिव
- प्रमुख सचिव (वित्त, योजना, लोक निर्माण विभाग)
- प्रमुख अभियंता, लोक निर्माण विभाग
- दो नामित विशेषज्ञ
- प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी।
कार्यकारी समिति
मुख्य कार्यकारी अधिकारी की अध्यक्षता वाली कार्यकारी समिति अपने कार्यों हेतु उत्तरदायी होगी जैसा इसे शासी परिषद द्वारा आवंटित किया जाएगा। इसमें निम्नलिखित सदस्य होंगे:
सदस्य (वित्त) |
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सदस्य (तकनीकी) |
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सदस्य (प्रशासन) |
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प्राधिकरण को व्यापारिक सिद्धांतों के अनुसार कार्य करना होगा।